संपत्ति विवाद में 12-07-2020 को बैठक लालमाटी द्वारका नगर सिन्धी धर्मशाला (किशन धर्मशाला) में संपन्न हुई ,
बैठक दिनांक 23 अगस्त 2020 बैठक में उपस्थित समाज के प्रतिनिधि, संपत्ति के उत्तराधिकारी एवं स्थानीय नागरिक, किशन धर्मशाला, लाल माटी, द्वारका नगर में
उपस्थित
बैठक में लिए गए निर्णय से संपत्ति के उत्तराधिकारी सभी सहमत हैं, जिन पर समाज के सभी प्रतिनिधि/पंचों के द्वारा
लिए गए निर्णय पर स्थानीय गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में सभी उत्तराधिकारियों
के द्वारा सहमति दर्ज कराई गई जो इस प्रकार हैं,
1. संपत्ति को विक्रय के लिए प्रचारित किया जाएगा........
2. संपत्ति के खरीद पर कोई भी अवसर प्राप्त होने पर अवसर राशि
से 10% की कटौती कर, किसी भी एक उत्तराधिकारी को इन संपत्ति को
क्रय करने का अवसर प्राथमिकता के साथ दिया जाएगा |
3. भवन पर विक्रय हेतु मोबाइल नंबर 8878899199 दर्ज किया जाएगा
4. ऑफर पर सभी उत्तराधिकारीयों के द्वारा एक समान संतुष्टि
नहीं होने पर पूरा रकबा विक्रय कर राशि का विभाजन एक समान तीनों उत्तराधिकारियों
के किया जाएगा |
इन सभी बिंदुओं पर सभी उत्तराधिकारियों के द्वारा सहमति दर्ज कराई गई, मौके पर बैठक पर लिए गए निर्णय पर सहमति की
संपुष्टि के लिए स्थानीय सामाजिक प्रतिनिधियों के द्वारा एवं उनके समक्ष बता रहा
गणमान्य नागरिकों के द्वारा एवं उत्तराधिकारी के द्वारा हस्ताक्षरित कर दिया गया
है....
समिति के द्वारा आज
दिनांक 25/ 10
/ 2020. SUNDAY को सतवानी
परिवार के संपत्ति विवाद मामले में बैठक की गई, जिसमें समाज के वरिष्ठ नागरिक
जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे, पूर्व में दिनांक 27 अगस्त 2020 को पारित किए गए निर्णय में परिवार के सभी सदस्य सहमत रहे
हैं, उक्त निर्णय में वर्णित सभी निर्णायक बिंदुओं पर सतवानी परिवार के मध्य उपजे संपत्ति
विवाद का निराकरण तथाकथित कंडिकाओ में
अंकित किया गया था ,,,,
भवन विक्रय कर तीनों
पक्षों में बराबर की राशि का विभाजन तथा विक्रय पूर्व प्रस्तावित क्रय राशी से 10% की
कमी करते हुए परिवार के उत्तराधिकारी को प्राथमिकता के साथ विवादित संपत्ति क्रय का प्रस्ताव पारित किया किया गया था
आज दिनांक तक कोई भी
समाधान कारक स्वीकार करने योग्य ऑफर किसी व्यक्ति की ओर से प्राप्त नहीं हुआ है,
तथा परिवार के किसी भी सदस्य के द्वारा विवादित संपत्ति को क्रय करने के लिए
सर्वमान्य प्रस्ताव राशि ऑफर नहीं की है,,
समाज के नागरिकों के
द्वारा, जो इस परिवार के विवादित संपत्ति के उत्तराधिकारी भी हैं, इनके सदस्य ASHOK
SATWANI , KISHAN SATWANI , HARISH SATWANI के द्वारा सामाजिक स्तर पर परिवारिक संपत्ति के विवाद के निराकरण की
अपेक्षा हेतु प्रार्थना पत्र माननीय अध्यक्ष महोदय जबलपुर सिंधी समाज समिति के
समक्ष दिनांक जुलाई 2020 को प्रस्तुत किया गया था,,
अनुक्रम में सामाजिक स्तर पर इस संपत्ति के विवाद के
निराकरण हेतु,
समिति के पदाधिकारी
एवं समाज के गणमान्य नागरिको की उपस्थिति में बैठक कर विवादित संपत्ति के सभी उत्तराधिकारीओं
के पक्ष दिनांकित 12/07/2020, 26/07/2020, 23/08/2020 पर सुने एक लिखे गए. जिन पर समिति के द्वारा उपरोक्त सभी
परिस्थितियों पर विचार उपरांत विवादित संपत्ति के सभी पक्षकारों के हितार्थ निर्णय
पारित किया जा रहा है,
निर्णय
1.
संपत्ति के विक्रय
हेतु संपत्ति के उत्तराधिकारीयों का नाम राजस्व अभिलेखों में अंकित पाया जाना परम
आवश्यक है,
2.
राजस्व अभिलेखों में
रिकॉर्ड दुरुस्त करते हेतु संपत्ति के सभी उत्तराधिकारी संयुक्त रुप से सहमत नहीं
है,
3.
यह की उपरोक्त
स्थिति में संपत्ति का बाजार में विक्रय किया जाना संभव नहीं है,
4.
यह की उपरोक्त
परिस्थिति में पीड़ित पक्ष को समय पर उसका अधिकार नहीं मिल पाएगा, जिससे परिवारिक स्तर पर भविष्य में कभी अप्रिय
स्थिति एवं दुर्घटनाएं होने की पूर्ण संभावना को इंद्राज करता है,,
5.
यह कि पीड़ित पक्ष
अत्यंत दयनीय स्थिति में जर्जर मकान में जीवन गुजर बसर कर रहा है, जिसकी निर्माण
आयु लगभग 50 वर्ष से अधिक है, जिसमें उसे अपूर्णीय क्षति कारित हो सकती है, सभी के द्वारा संयुक्त रूप से निरिक्षण
किया गया, इस तथ्य में कोई संदेह नहीं है....
6.
यह की विवादित
संपत्ति का मेजरमेंट पूर्व में किया जा चुका है जो कि 22 x 60 कुल 1320 स्क्वायर फुट मौके पर पाया गया है...
7.
यह की संपत्ति के एक
उत्तराधिकारी के द्वारा प्रस्तावित क्रय राशि पर दूसरे उत्तराधिकारी की असहमति है,
तथा दूसरे उत्तराधिकारी के द्वारा संपत्ति
के राजस्व अभिलेखों में रिकॉर्ड के दुरुस्ती कारन हेतु सहयोग नहीं दिया जा रहा है,
उपरोक्त स्थिति में संपत्ति यथावत स्थिति से गुजर रही है, इस परिधि में पीड़ित पक्ष को मिलने वाला अधिकार
प्रभावित होता है,,,
8.
इन सभी बिंदुओं पर
विचार उपरांत समिति एवं गणमान्य नागरिकों के द्वारा इस संपत्ति के सभी
उत्तराधिकारी यों को इस संपत्ति के विवाद निराकरण से अवगत कराया जाता है कि,,
9.
यह संपत्ति जर्जर
होने के चलते किसी भी प्रयोजन (व्यवसायिक या आवासीय) के
योग्य नहीं होने के चलते जमींदोज करने योग्य है,,
10.
उसके उपरांत संपत्ति
के उत्तराधिकारीयों को यह संपत्ति बराबर तीन हिस्सों में बांटी जाएगी, जिसमें
प्रत्येक उत्तराधिकारी के हिस्से में 7.33 x 60 कुल 439.80 वर्ग्फूट मालिकाना हक़, जमीन से आसमान तक प्राप्त होगा, इस अस्तु संपत्ति को जमींदोज किया जायेगा, प्लाट के रूप में 3 हिस्से बटेंगे
11. इस संपत्ति के तीन हिस्सों में बीच में आने वाली दीवार का
निर्माण (भविष्य में ) तीनों उत्तराधिकारीयों के द्वारा बराबर के इन्वेस्टमेंट से
कराया जाएगा......... यह शर्त नए क्रेता पर भी सामान रूप से लागू रहेगी,
12.संपत्ति के तीन हिस्सों में से पहला हिस्सा जेष्ठ पुत्र को प्राप्त होगा, बीच वाला हिस्सा मझले को प्राप्त होगा, तीसरा हिस्सा कनिष्ठ
उत्तराधिकारी को प्राप्त होगा...........
13.संपत्ति के विक्रय के अधिकार तीनों उत्तराधिकारीयों के पास
सुरक्षित रहेंगे, अपनी इच्छा अनुसार इसका मूल्यांकन एवं क्रेता तय कर सकेंगे........
14.
यह संपत्ति उत्तराधिकारियो
की पुश्तैनी संपत्ति है, जिस पर उनके मध्य अपने अपने अधिकार को लेकर विवाद उत्पन्न
हुआ है, इस विवाद के स्थाई निराकरण हेतु, यह उचित हो जाता है की समिति के द्वारा किये गए फैसले पर प्रत्येक उत्तराधिकारी
अक्षरक्ष : अमल करेगा,
समिति के समक्ष
विवादित संपत्ति के निराकरण हेतु 2 उतराधिकारियो के द्वारा प्रार्थना पत्र
प्रस्तुत करते समय, उन्हें समिति/समाज के सभी विधानों/नियमावली से अवगत कराया गया
था, पीड़ित के द्वारा लिखित वचन दिया गया था कि उनके द्वारा
किसी भी प्रकार की अन्य कानूनी कार्यवाही नहीं की जाएगी, एवं समाज/समिति के द्वारा
लिए गए निष्पक्ष निर्णय को अमल फरमाएंगे,
समिति के द्वारा पारित किए गए निर्णय पर, किसी भी उत्तराधिकारी के द्वारा कोई भी उल्लंघन किए जाने पर, सामाजिक स्तर पर किसी भी उत्तराधिकारी से शिकायत प्राप्त होने पर एवं उसके अनुसंधान उपरांत सही पाए जाने पर, उसके विरुद्ध जबलपुर सिंधी समाज समिति के नियम चार अनुसार कारवाही संकलित की जाएगी...
दिनाक 17-12-2020
बैठक के अंतिम निर्णय सुनाए जाने के उपरांत संपत्ति के उत्तराधिकारी बच्चूमल सतवानी के तीन पुत्रों में से वरिष्ठ पुत्र आलमचंद्र के द्वारा शेष उत्तराधिकारीयों को ऑफर प्रदान किया गया, जिसमें ₹ 10 लाख ढालुमल के पुत्र किशन 10 लाख रुपए ढालुमल के पुत्र हरीश और 20 लाख रुपए, लक्ष्मण सतवानी के पुत्र अशोक (अविवाहित) को देने का ऑफर दिया गया.....
इस ऑफर के श्रवण करने के उपरांत सभी गणमान्य नागरिक एवं सामाजिक प्रतिनिधियों के द्वारा ढालुमल एवं लक्ष्मण के पुत्रों से, इस विषय में चर्चा की गई, जिसके आधार पर उनके द्वारा 1 सप्ताह का समय चाहा गया.....
13 दिसंबर 2020 को पारित निर्णय पर उत्तराधिकारी किशन, हरिश एवं अशोक के जवाब आने तक 1 सप्ताह की तमिली के लिए शिथिल किया गया है.....
आज दिनांक 17 दिसंबर 2020 को उत्तराधिकारियों में से किशन, हरीश, मुस्कान सत्वानी, गुलशन सत्वानी, उषा सत्वानी, सभी उपस्थित रहे, सभी के द्वारा संपत्ति के उत्तराधिकारी स्वर्गीय बच्चूमल के पुत्र आलमचंद के द्वारा दिए गए ऑफर को स्वीकार करते हुए इस संपत्ति पर अपना अधिकार त्यागने का फैसला किया है, और समिति को अवगत कराया है, जिसके संबंध में आज सभी के द्वारा स्वयं शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए अपनी रजामंदी प्रस्तुत की..
उपरोक्त अनुसार इस संपत्ति पर शेष उत्तराधिकारी स्व ढालूमल के पुत्र किशन एवं हरीश तथा स्व लक्ष्मण के पुत्र अशोक के द्वारा संपत्ति पर हक त्याग पत्र तैयार करते हुए संपत्ति के उत्तराधिकारी स्वर्गीय श्री बचूमल के पुत्र आलम चंद, संजय एवं जय के पक्ष में निष्पादित कराया जाएगा....
उपरोक्त अनुसार संपत्ति के सभी उत्तराधिकारीयों को विवादित संपत्ति पर उनका अधिकार प्राप्त हुआ, अतः प्रकरण समाप्त किया जाता है,
सभी दस्तावेजों की प्रति समिति के पास सुरक्षित रखी जाएगी एवं सभी उत्तराधिकारीयों को एक-एक प्रति प्रदान की जाएगी
सभी के हस्ताक्षर
सचिव : - जितेन्द्र मखीजा
पूजनीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन एवं आदेशानुसार,
अगली बैठक के अपडेट इसी आदेश में संशोधित होंगे,
Comments
Post a Comment