सिन्धी व्यापारी की दुकान में अपराधियों ने दुकान में की लूटपाट, कर्फ्यू के दौरान गलगला मार्केट में रात को 1 बजे मौके पर पुलिस भी मौजूद गिरफ्तारी शून्य, थान कोतवाली जबलपुर
कलेक्टर के द्वारा जारी किए गए 58 घंटे का लॉकडाउन के बावजूद रात्रि
1:00 बजे दिनांक 26 जुलाई 2020 गलगला मार्केट में बड़ी शर्मनाक घटना घटी.
जहां पर एक सिन्धी व्यापारी की दुकान को वहां के स्थानीय अपराधियों ने मिलकर
लूटपाट की दुकान खाली कर दी और उस पर ताला जड़कर फरार हो गए,
मौके पर हंड्रेड डायल नदारद थी पुलिस थाने का लैंडलाइन नंबर हमेशा की तरह व्यस्त और बंद
बताता रहा है,
पूरी घटना के अंतिम दौर में पुलिस ने वहां पहुंचकर पीड़ित पक्ष पर
दबाव बनाने का प्रयास किया वीडियो बनाने से मना किया और अधिकार समझाने का प्रयास
किया, विषय में कोई संदेह नहीं है कि पुलिस पूरी जानकारी थी,
जिसके तहत मौके पर गश्त भी नहीं थी मार्केट सैकड़ों व्यापारी वहां
पर अपना व्यवसाय करते हैं उसके बावजूद वहां पर किसी प्रकार की गतिविधियां चीता
मोबाइल नहीं थी, अपराधी लगभग 2 घंटे तक घटना को अंजाम देते रहे इस बीच किसी ने यह
पूछने की जहमत भी नहीं उठाई कि वहां पर क्या हो रहा है,
कलेक्टर के आदेश के उल्लंघन के मामले अभी तक पंजीकृत नहीं किए गए हैं
जब सारा शहर सो रहा था तब इस घटना को अंजाम
दिया गया, अभी तक पुलिस अधीक्षक ने
भी इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया है, जानकारी प्राप्त
हुई है कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है संपत्ति के किराए से संबंधित है मकान
मालिक ने अपराधी तत्वों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है, और यह अपराधी मार्केट में अवैध वसूली जैसे काम भी करते हैं जिनसे मार्केट
के व्यापारी ट्रस्ट है और शिकायत नहीं करते क्योंकि उन्हें वहां पर व्यापार करना
है, पुलिस के द्वारा बनाया गया असुरक्षा का माहौल उनके लिए
एक बड़ी समस्या है कृपया करके भी किसी प्रकार की शिकायत करने में असमर्थ है,
फिलहाल थाना प्रभारी कोतवाली और लैंडलाइन नंबर दोनों बंद और व्यस्त चल
रहे हैं जहां से कोई जानकारी मिल नहीं पा रही है
कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई है जो अभी तक सीसीटीएनएस पर अपलोड नहीं है,
जबलपुर के लगभग सभी थानों का यही हाल है जो भी रिकॉर्ड दर्ज होते
हैं वह सब आधे अधूरे होते हैं, और कई थानों में तो अभी तक
कोई रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज किया ही नहीं जाता
पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी कई प्रकार के नकबजनी
लूटपाट चोरी डकैती के मामले पकड़ते हैं,
पर यह एक ऐसी घटना है जिसमें पुलिस अधीक्षक के निर्देशों की
धज्जियां उड़ा के रख दी, ऐसा प्रतीत होता है जैसे पुलिस
अधीक्षक के द्वारा स्पेशल निर्देश दिए गए हो इस तरह के पूर्व नियोजित अपराधियों को
संरक्षण दिया गया हो या इस मामले का ज्ञान पुलिस अधीक्षक को नहीं है कि उनके
क्षेत्र अंतर्गत थाना प्रभारी किस तरह का लॉ एन ऑर्डर मेंटेन कर रहे हैं,
फिलहाल पूरे मामले में व्यापारीयों और सिंधी समाज में भारी आक्रोश
व्याप्त है जो आने वाले समय में एक उग्र आंदोलन का स्वरूप ले सकता है औरतों में
लिप्त अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की जाएगी .....
संभावित
तौर पर प्राप्त जानकारी अनुसार किसी विधायक का इसमें हस्तक्षेप है,
जो पुलिस द्वारा सूक्ष्म जांच किए जाने पर खुलासा हो सकता है, पर यह जानकारी कैसे प्राप्त होगी
इसके लिए वरिष्ठ स्तर के कर्तव्यनिष्ठ नेतृत्व की आवश्यकता है
न
छोटा हाथी लोडिंग वाहन जप्त हुआ है ना AUTO जप्त हुआ,
जिसमें उनके नंबर भी दिख रहे हैं अपराधियों के हौसले इतने
बुलंद हैं कि पुलिस के सामने घूम रहे थे पुलिस के पीछे खड़े थे फिर उसके बाजू में खड़े थे और पुलिस उन्हें पहचानने से हिचक रही थी
Comments
Post a Comment